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जुआ खेलना और इसका आपके दिमाग पर कैसे असर पड़ता है

जब हम जुए में जीतते हैं, तो हमारा दिमाग डोपेमाइन नामक रसायन स्त्रावित (रिलीज़) करता है।

लेकिन जब हम अक्सर जुआ खेलते रहते हैं, तो हमारे दिमाग को डोपेमाइन की आदत पड़ जाती है जिससे जीतने का वो अहसास होना मुश्किल हो जाता है। इस कारण, हमें उस स्तर की खुशी को महसूस करने के लिए अधिकाधिक जुआ खेलना पड़ता है।

जुआ खेलने की कुछ चीजें, जैसे कि पोकीज़ और रूलेट, हमें यह महसूस कराते हैं कि हम जीत रहे हैं, चाहे हम जीत न भी रहे हों तो भी। ऐसा होने पर हम जीतने के उस अहसास को वापस महसूस करने के प्रयास में जुआ खेलने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

डॉक्टर जेरड कूनी होवथ मैकबर्न विश्वविद्यालय में एक स्नायु वैज्ञानिक (न्यूरोसाइंटिस्ट) हैं। उन्होंने इसके बारे में तथा अन्य चीजों के बारे में भी समझाया है

जुआ खेलना किस तरह से आपके दिमाग को बदल देता है

जुआ खेलना आपके दिमाग को कैसे चकमा दे सकता है

जैसे-जैसे हम सीखते हैं, हमारा दिमाग लगातार बदलता रहता है, संबंध स्थापित करता जाता है और नक्शे पैटर्न्स बनाता जाता है। इसका मतलब है कि हम कभी भी अपने दिमाग को बदल सकते हैं।

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मैं अपने दिमाग को कैसे बदल सकता/ती हूँ?

क्या बदलने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है?

हम यह समझते हैं कि जुआ खेलने का दिमाग पर कैसे असर पड़ता है और यदि किसी को सहायता की ज़रूरत हो तो हम उनको प्रोत्साहित करते हैं कि वे सहायता लें। हम आपकी भाषा में मुफ्त, जानकारी, सलाह और काउंसलिंग प्रदान करते हैं जिसे गोपनीय रखा जाता है।

तुरंत सहायता पाने के लिए या मुफ्त और गोपनीय सेवा सत्र के लिए बुकिंग करवाने के लिए 1800 858 858 पर 24/7 फोन करें

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यदि आपको लग रहा है कि जुआ आपको उन चीजों को हासिल करने से रोक रहा है जो आप चाहते/चाहती हैं, तो इसका सामना करने का समय आ गया है।

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